सिडनी। उच्च वसा और कम कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) वाला भोजन सीजोफ्रेनिया (मानसिक असंतुलन) के इलाज में मददगार हो सकता है। एक नए अध्ययन ने इस बात की पुष्टि की है। अध्ययन के अनुसार, सीजोफ्रेनिया विनाशकारी और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है जो विश्व के लगभग एक प्रतिशत लोगों को प्रभावित कर रही है। इस रोग पर नियंत्रण के लिए कोई खास इलाज या दवा नहीं है और इसके कई दुष्प्रभाव मूवमेंट डिसऑर्डर, वजन वृद्धि और हृदय रोग का खतरा होता है। इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने चूहों पर परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने चूहों को कीटोजेनिक डाइट (उच्च वसा और निम्न कार्बोहाइड्रेट) दी ।
कीटोजेनिक आहार वर्ष 1920 में बच्चों में एपीलेप्सी रोग के प्रबंधन में इस्तेमाल किया गया था और वर्तमान में इसे कुछ बॉडी बिल्डरों द्वारा वजन कम करने के लिए पसंद किया जाता है। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता \’जोल्टन सरन्यायीÓ का कहना है, उच्च वसा वाला आहार वैकल्पिक उर्जा श्रोतों के द्वारा कीटोन बॉडीस के रूप में कार्य करता है। इसके साथ ही यह सीजोफ्रेनिक्स रोग में मस्तिष्क की कोशिकाओं के रास्ते से आसामान्य क्रियाओं को दूर करता है।
उन्होंने बताया, वसा ऊर्जा के मुख्य श्रोतों में से एक है इसलिए भोजन में घी, मक्खन, सालमन मछली कई चीजें शामिल होनी चाहिए। रोग की शुरुआत में ही इस आहार को दवा के साथ शामिल करना चाहिए। इसके अलावा इस अध्ययन में सामान्य आहार लेने वाले चूहों की तुलना में कीटोजेनिक आहार लेने वाले चूहों का वजन और रक्त शर्करा के स्तर में कम देखी गई। यह शोध ऑनलाइन पत्रिका सीजोफ्रेनिया रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।
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